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कहानी कहने की कला है फिल्‍में-एंटोनियो पियाज्‍ज़ा

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Friday 22 November 2013 08:12:05 AM

antonio piazza

पणजी। गोवा में चल रहे 44वें भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍मोत्‍सव में विश्‍व सिनेमा खंड में दिखाई जा रही फिल्‍मों के विदेशी निर्देशकों की आज यहां पत्रकारों से मुलाकात हुई। इस पैनल में मैक्‍सिकों में निर्माता-निर्देशक एडुआर्डो रोसॉफ और इटली के लेखक-निर्देशक एंटोनियो पियाज्‍ज़ा एवं फैबियो ग्रैसाडोनिया शामिल हैं।
एडुआर्डो रोसॉफ अपनी बेहतरीन फिल्‍में ऐव मारिया (2000), द ऐज ऑफ लाईज (2011) और फैमिली ब्‍लड (2013) के लिए जाने जाते हैं। एडुआर्डो को फिल्‍म ऐव मारिया के लिए हवाना फिल्‍मोत्‍सव में श्रेष्‍ठ नए निर्देशक पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया। गोवा फिल्‍मोत्‍सव में इस बार एडुआर्डों की लेट मी सर्वाईव फिल्‍म दिखाई जाएगी, जिसमें जिस्‍मानी मौजूदगी को लेकर आध्‍यात्‍मिक सवाल उठाए गए हैं। ब्रिटिश तट पर समुद्र की उंची लहरों में रबड़ की नौका पर इधर-उधर भटकने के 14 दिनों के बाद कैट केलागम को बेल्‍जियम के तट रक्षकों ने बचाया। अस्‍पताल में स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के बाद कैट केलागम पूछताछ दल के सामने यह बताने में विफल रही कि वह अकेली कैसे बच गई।
फिल्‍म निर्माण के बारे में अपना नजरिया बताते हुए एडुआर्डों रोसॉफ ने कहा कि फिल्‍में कहानी कहने की कला है। उन्‍होंने कहा कि किताब में शब्‍दों का इस्‍तेमाल होता है, जबकि फिल्‍म में दृश्‍यों का लेकिन दोनों का लक्ष्‍य एक ही होता है। भारत में दर्शकों के साथ अपने अनुभव बांटते हुए रोसॉफ ने कहा कि यह देखकर आश्‍यर्च होता है कि भारत में लोग फिल्‍मों के लिए किस तरह आतुर होते हैं। उन्‍होंने कहा कि भारतीय फिल्‍में उन्‍हें मैक्‍सिकन फिल्‍मों की याद दिलाती हैं, जिनमें सनसनी, कॉमेडी और एक्‍शन होता है। जब उनसे हॉलीवुड फिल्‍मों के मुकाबले बने रहने के उपायों के बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि हमें उन चीजों में बेहतर होना है, जिनमें अमेरिकी फिल्‍म निर्माता बेहतर नहीं है।
इटली के लेखक-निर्देशक फैबियो ग्रैसाडोनिया और एंटोनियो पियाज्‍जा ने लेखक और पटकथा सलाहकार के रूप में लंबे समय से साथ-साथ काम किया है। निर्देशक के रूप में इनकी पहली फिल्‍म रीता (2010) दुनिया भर के अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म उत्‍सवों में दिखाई गई। 44वें भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍मोत्‍सव में दिखाई गई फिल्‍म साल्‍वो इटली सिनेमा की नवचेतना साबित हुई है। इसमें फिलिस्‍तीनी अभिनेता सलेह बाक्री ने मुख्‍य भूमिका निभाई है, जिन्‍हें फिल्‍म ‘द बैंडस् विजिट’ से पहचान मिली थी।
फिल्‍म साल्‍वो के बारे में फैबिया ग्रैसाडोनिया ने बताया कि कहानी लिखते वक्‍त लड़की के शारीरिक अंधेपन और हत्‍यारे के नैतिक अंधेपन के बीच में द्वंद्व दिखाना ही फिल्‍म साल्‍वो के निर्माण की पृष्‍ठभूमि है। एंटोनियो पियाज्‍जा ने भी फिल्‍म निर्माण के बारे में अपने अनुभव बांटे। भारत में अपने अनुभव के बारे में उन्‍होंने कहा कि भारत के फिल्‍म उत्‍सवों में असल दर्शकों से भेंट होती है, जबकि कान जैसे उत्‍सवों में फिल्‍म व्‍यापारियों की मौजूदगी होती है।

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