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इंडियन फार्मेकोपिया सातवां संस्‍करण जारी

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Monday 4 November 2013 07:00:12 AM

ghulam nabi azad

नई दिल्‍ली। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज यहां निर्माण भवन में ‘इंडियन फार्मेकोपिया 2014’ के सातवें संस्‍करण का विमोचन किया। इस संस्‍करण में फार्मेकोपिया के दायरे को बढ़ाकर जैव प्रौद्योगिकी के उत्‍पाद, स्‍थानीय जड़ी-बूटियों, जड़ी- बूटियों के उत्‍पाद, पशु चिकित्‍सा के टीके, एंटी रेट्रोवाइरल दवाओं तथा फार्मूलों को इसमें शामिल किया गया है। यह पुस्‍तक दवाओं के मानकीकरण से संबंधित है। स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय में सचिव केएन देसीराजू, स्‍वास्‍थ्‍य अनुसंधान विभाग में सचिव तथा भारतीय चिकित्‍सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ वीएम कटोच, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के प्रतिनिधि डॉ नाता मेनाब्‍दे तथा अन्‍य कई गणमान्‍य व्‍यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
गुलाम नबी आजाद ने इसके लिए भारतीय फार्मेकोपिया आयोग (आईपीसी) को बधाई दी, साथ ही इस उपलब्धि के लिए उन्‍होंने वैज्ञानिकों के दल, आईपीसी के कर्मचारी तथा उससे जुड़े अन्‍य व्‍यवसायिकों तथा संस्‍थानों को भी बधाई दी। आजाद ने कहा कि विश्‍वभर में दवाओं से संबंधित मानकों में तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं और इनके साथ तालमेल रखने के उद्देश्‍य से हितधारकों को इंडियन फार्मेकोपिया के नए संस्‍करण की आवश्‍यकता महसूस हुई। इस फार्मेकोपिया में दिए गए मानक आधि‍कारिक होने के साथ-साथ वैधानिक तौर पर लागू करने लायक हैं। इससे निरीक्षण तथा लाइसेंस लागू करने की प्रक्रिया सुविधाजनक होगी।
उन्‍होंने इस बात का भी उल्‍लेख किया कि इंडियन फार्मेकोपिया 2014 में कई संशोधन किए गए हैं और देश में तथा विदेशों में प्रयोग में लाए जा रहे उन्‍नत प्रौद्योगिकी पर आधारित प्रयोग के तरीकों को भी इसमें शामिल किया गया है। आजाद ने आशा व्‍यक्‍त की कि इंडियन फार्मेकोपिया 2014 भारतीय फार्मेकोपिया आयोग के मिशन को हासिल करने में सक्षम रहेगा और सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतरीन बनाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभायेगा। इंडियन फार्मेकोपिया (आईपी-2014) ड्रग्‍स एंड कॉस्‍मेटिक्‍स अधिनियम 1940 तथा उसके अंतर्गत आने वाले नियमों की पूर्ति के लिए प्रकाशित किया गया है। इसमें भारत में निर्मित या उपलब्‍ध दवाओं के मानकों का ब्‍यौरा दिया गया है, ताकि दवाओं की गुणवत्‍ता को सुनिश्चित किया जा सके।
इंडियन फार्मेकोपिया 2014 चार खंडों में प्रस्‍तुत की गई है। इसके दायरे को बढ़ाकर जैव प्रौद्योगिकी के उत्‍पाद, स्‍थानीय जड़ी-बूटियों, जड़ी-बूटियों के उत्‍पाद, पशु चिकित्‍सा के टीके, एंटी रेट्रोवाइरल दवाओं तथा फार्मूलों को शामिल किया गया है। नई दवाओं के साथ-साथ राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम में जिन दवाओं का प्रयोग किया जाता है, उनके मानकों का ब्‍यौरा दिया गया है। आजकल जो दवाएं प्रचलन में नहीं हैं, उन्‍हें इस प्रकाशन से निकाल दिया गया है। आईपी 2014 में 2548 दवाओं के मोनोग्राफ शामिल किए गए हैं, जिनमें से 577 नए हैं-इनमें एपीआई, एक्‍सीपियंटस्, मात्रा बनाने की विधि, एंटिबायोटिक मोनोग्राफ, इंसुलिन के उत्‍पाद तथा हर्बल उत्‍पाद इत्‍यादि शामिल हैं। इसमें 19 नए रेडियोफार्मेस्‍यूटिकल मोनोग्राफ तथा एक नया अध्‍याय पहली बार जोड़ा गया है। आशा की जाती है कि आईपी 2014 के इस संस्‍करण के प्रकाशन से जन-स्‍वास्‍थ्‍य का स्‍तर सुधरेगा तथा दवा उद्योग का भी विकास होगा।

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