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भारत का स्‍वर्ग है पूर्वोत्‍तर-मुख्‍य मंत्री

अरुणाचल में तवांग में अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटन हाट शुरू

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 20 October 2013 10:53:08 AM

arunachal tourism

तवांग। पूर्वोत्‍तर भारत एक ऐसा स्‍वर्ग है, जो अभी उजागर नहीं हुआ है, अरुणाचल प्रदेश के मुख्‍य मंत्री नबाम तुकी ने इस उद्बोधन के साथ तवांग में अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटन हाट का उद्घाटन किया। इसके साथ ही यहां दूसरा अंतरराष्‍ट्रीय पर्यटन हाट (आईटीएम) कल तवांग में शुरू हो गया। मुख्‍य मंत्री नबाम तुकी ने पूर्वोत्‍तर को एक 'अनुद्घाटित स्‍वर्ग' की संज्ञा दी, जहां पर्यटन की व्‍यापक संभावनाएं हैं, जिनका दोहन अभी सही अर्थों में नहीं हो पाया है।
नबाम तुकी ने कहा कि यह हिमालयी राज्‍य प्राकृतिक सौंदर्य का एक गुप्‍त खजाना है, जहां 150 से अधिक बड़ी और छोटी मेहमान नवाज़ जनजातियां रहती हैं। इन जनजातियों की सांस्‍कृतिक पच्‍चीकारी, कला एवं शिल्‍प, जनजातीय स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजन और अन्‍य विशिष्‍टताएं पर्यटन के विकास की असीमित संभावनाओं का द्वार खोलती हैं। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य सरकार पर्यटन को उच्‍च वरीयता देती है, जिसमें रोज़गार के प्रचुर अवसर उपल्‍ब्‍ध हैं और सरकारी खजाने को समृद्ध करने की क्षमता है। बाद में मुख्‍यमंत्री ने एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जिसमें 9 भारतीय राज्‍य हिस्‍सा ले रहे हैं, जो अपनी पर्यटन संभावनाओं, संस्‍कृति, कला और शिल्‍प कला की बेजोड़ता को उजागर कर रहे हैं।
केंद्रीय पर्यटन सचिव परवेज दिवान ने कहा कि तवांग में अंतराष्‍ट्रीय पर्यटन हाट (आईटीएम) का आयोजन इस बात का प्रमाण है कि सरकार पूर्वोत्‍तर भारत, विशेषकर अरुणाचल प्रदेश और तवांग में पर्यटन को प्रोत्‍साहित करना चाहती है। दिवान ने कहा कि भारत में 105 करोड़ घरेलू पर्यटक और 65 लाख विदेशी पर्यटक हर वर्ष पर्यटन में हिस्‍सा लेते हैं और सरकारी खजाने को विदेशी पर्यटकों से करीब 18 अरब अमरीकी डालर मूल्‍य का राजस्‍व प्राप्‍त होता है।
पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में आयोजित यह दूसरा पर्यटन हाट है, जिसका उद्देश्‍य घरेलू और अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में इस क्षेत्र की पर्यटन संभावनाओं को उजागर करना है। इससे पूर्वोत्‍तर भारत के आठ राज्‍यों और पश्चिम बंगाल के पर्यटन उद्यमियों को एक मंच पर लाने में मदद मिली है, ताकि क्रेता, विक्रेता, मीडिया और सरकारी एजेंसियों के बीच परस्‍पर आदान-प्रदान हो सके। इसमें आस्‍ट्रेलिया, बांग्‍लादेश, ब्रूनेई, कंबोडिया, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, म्‍यांमार, नार्वे, ओमान, फिलिपींस, रूस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रिटेन, अमरीका और विएतनाम के प्रतिनिधि हिस्‍सा ले रहे हैं।

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