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रेशम उद्योग के कामगारों को मनरेगा में लाभ

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Wednesday 9 October 2013 10:11:12 AM

silk industry

नई दिल्‍ली। कपड़ा मंत्री डॉ कवुरू संबासिव राव ने राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि वे कपड़ा उद्योग के हथकरघा, हस्तशिल्प आदि विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने का प्रयास करें। वे आज यहां राज्यों के कपड़ा मंत्रियों के सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे। सम्मेलन के बाद पत्रकारों से डॉ राव ने कहा कि प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना को अधिसूचित कर दिया गया है। इस योजना में कपड़ा उद्योग से संबंधित मशीनों के घरेलू निर्माण को प्रोत्साहन देने को प्राथमिकता दी गई है।
कपड़ा मंत्री ने कहा कि 12वीं योजना के अंत तक रेशम उत्पादन को 23 हजार टन से बढ़ाकर 33 हजार टन करने का लक्ष्य रखा गया है, रेशमी धागों का उत्पादन देश की जरुरत से अधिक किया जा रहा है। कपड़ा मंत्री ने बताया कि अभी हाल में हस्तशिल्प निर्यातकों ने उन्हें अवगत कराया था कि उन्हें किसी एक लातीनी अमेरिकी देश में गोदाम सुविधा की आवश्यकता है, जिसकी लागत 100-100 करोड़ रुपये होगी और इसे अगले पांच वर्षों में खर्च किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर वित्त मंत्री से बात की गई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उरुग्वे में गोदाम सुविधा के निर्माण के लिए शीध्र ही बजट प्राप्त हो जाएगा, हस्तशिल्प निर्यातकों ने उन्हें आश्वस्त किया है कि यह सुविधा मिल जाने के बाद अगले तीन साल में निर्यात 17 हजार से बढ़कर 34 हजार करोड़ रुपये तक हो जाएगा। कपड़ा मंत्री ने कहा कि कपास वितरण नीति को मंत्रिमंडल के सामने पेश कर दिया गया है, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने रेशम उद्योग कामगारों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम के लाभों में शामिल करने की स्वीकृति दे दी है।

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