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भारत का पहला नौवहन उपग्रह सफलता से प्रक्षेपित

उपग्रह प्रक्षेपण पर राष्‍ट्रपति, प्रधानमंत्री की इसरो को बधाई

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Tuesday 02 July 2013 08:31:02 AM

india's first navigation satellite

श्रीहरिकोटा/ नई दिल्‍ली। भारत ने मंगलवार को प्रात: श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) के तहत पहले नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस-1ए का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। इस उपग्रह को इसरो के पोलर उपग्रह प्रक्षेपण यान पी-एसएलवी-सी22 के माध्‍यम से प्रक्षेपित किया गया। पीएसएलवी का यह लगातार 23वां सफल अभियान है। इस अभियान के लिए पीएसएलवी के एक्‍सएल पद्धति का उपयोग किया गया। इससे पूर्व चंद्रयान-1, जीएसएटी-12 और आरआइएसएटी-1 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए तीन बार पहले भी इस प्रणाली का उपयोग किया जा चुका है।
1425 किलो ग्राम भार के उपग्रह आईआरएनएसएस-1ए को बीस मिनट 17 सेकेंड की उड़ान के बाद पृथ्‍वी की कक्षा में स्‍थापित कर दिया गया है। कक्षा में प्रक्षेपित होने के बाद आईआरएनएसएस-1ए के सौर पैनल स्‍वचालित तरीके से खुल गए। इसरो के कर्नाटक स्थित प्रमुख नियंत्रण केंद्र हसन ने इस उपग्रह का नियंत्रण भी संभाल लिया है।
राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारत के पहले नौवहन उपग्रह, भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) के सफल प्रक्षेपण पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई दी है। इसरो अध्‍यक्ष डॉक्‍टर के राधाकृष्‍णन को भेजे एक संदेश में राष्‍ट्रपति ने कहा ‘मैं भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) के सफल प्रक्षेपण पर आपको और आपके सहयोगियों को बधाई देता हूं, भारत के पहले समर्पित नौवहन उपग्रह का यह प्रक्षेपण हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम और अंतरिक्ष प्रयोगों की प्रगति के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय मील का पत्‍थर है।’
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी भारत को अंतरिक्ष आधारित अपनी नौवहन प्रणाली उपलब्‍ध कराने के लिए श्रृंखला के पहले उपग्रह आईआरएनएसएस-1ए के सफल प्रक्षेपण पर अंतरिक्ष विभाग और इसरो को बधाई दी है। उन्‍होंने इसे भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के विकास में महत्‍वपूर्ण मील का पत्‍थर बताया, जो देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में उत्‍तरोत्‍तर महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है।

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