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इंदौर में मध्य प्रदेश स्टार्टअप सम्मेलन

प्रधानमंत्री ने किया मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति का शुभारंभ

'दुनियाभर में होरही भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की प्रशंसा'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 14 May 2022 12:10:30 PM

pm addressing the startup community, during the madhya pradesh startup conclave in indore

इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए इंदौर में मध्यप्रदेश स्टार्टअप सम्मेलन में मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति का शुभारंभ किया। उन्होंने मध्यप्रदेश स्टार्टअप पोर्टल भी लॉंच किया, जो स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने में मदद करेगा। उन्होंने कहाकि एमपी की स्टार्टअप नीति केतहत स्टार्टअप्स और इंक्यूबेटर्स को वित्तीय सहायता भी दी गई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज हम दुनियाभर को भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की प्रशंसा करते हुए सुनते हैं, हर हिंदुस्तानी को गर्व होता है। उन्होंने कहाकि आठ वर्ष के छोटे से कालखंड में भारत में स्टार्ट अप्स की दुनिया ही बदल चुकी है, आज देशमें करीब 70 हजार मान्यताप्राप्त स्टार्टअप्स हैं, भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र है, हम दुनिया के सबसे बड़े यूनिकॉर्न हब्स मेभी एक ताकत के रूपमें उभर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि ये भारत के युवाओं का सामर्थ्य है, सफलता की नई ऊंचाई प्राप्त करने की इच्छाशक्ति का उदाहरण है। उन्होंने कहाकि अक्सर कुछ लोगों को भ्रम हो जाता हैकि स्टार्टअप यानि कंप्यूटर से जुड़ा हुआ नौजवानों का कोई खेल चल रहा है, कुछ कारोबार चल रहा है, ये भ्रम है, हकीकत ये हैकि स्टार्टअप का दायरा और विस्तार बहुत बड़ा है, स्टार्टअप्स हमें कठिन चुनौती का सरल समाधान देते हैं और हम देख रहे हैंकि कल के स्टार्सअप्स आजके मल्टीनेशनल्स बन रहे हैं और एग्रीकल्चर, रीटेल बिजनेस, हेल्थ सेक्टर में नए-नए स्टार्ट अप्स उभरकर के आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप उद्यमियों से भी बातचीत की। ऑनलाइन किराना स्टोर-शॉप किराना के संस्थापक तनु तेजस सारस्वत से बातचीत में प्रधानमंत्री ने उनकी पृष्ठभूमि के बारेमें जानकारी ली और पूछाकि उन्हें इस व्यवसाय को शुरू करने का विचार कैसे आया? प्रधानमंत्री ने इस व्यवसाय में मौजूद अवसरों और आगे विकास की संभावनाओं के बारेमें पूछा। उन्होंने पूछाकि उनके स्टार्टअप से कितने किराना स्टोर जुड़े हैं और उन्होंने अपने स्टार्टअप केलिए इंदौर को ही क्यों चुना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूछाकि क्या स्वनिधि से लाभांवित होने वाले रेहड़ी-पटरी वालों को इससे जोड़ा जा सकता है? भोपाल से उमंग श्रीधर डिजाइंस प्राइवेट लिमिटेड की संस्थापक उमंग श्रीधर से बातचीत में प्रधानमंत्री को खादी में उनके नवाचार और बड़ी कंपनियों केलिए उत्पाद तैयार करने केबारे में बताया गया। प्रधानमंत्री को बताया गया कि स्टार्टअप की उनकी यात्रा सरकार के साथ-साथ चल रही है क्योंकि उन्होंने 2014 में कंपनी शुरू की थी। उन्होंने पीएम को महिलाओं के साथ अपने काम के बारेमें बताया। पीएम ने पूछाकि अपने स्टार्टअप के जरिए उन्होंने महिलाओं में किस तरह का सुधार और मूल्यवर्धन किया है। उन्होंने बतायाकि महिला कारीगरों की आय में लगभग 300 फीसदी की वृद्धि हुई है। उन्होंने महिलाओं को कारीगर से लेकर उद्यमी बनने तक के प्रशिक्षण के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने काशी में उनके काम के बारेमें पूछा और उन्हें नौकरी देने वाला और प्रेरणा बनने केलिए बधाई दी।
इंदौर के तौसीफ खान से बातचीत में प्रधानमंत्री को बताया गयाकि उनका संगठन किसानों की आय को दोगुना करने केलिए काम कर रहा है, उन्होंने तकनीकी समाधान तैयार किए हैं, जो किसानों को डिजिटल और भौतिक माध्यमों से प्रदान किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पूछाकि क्या अपने स्टार्टअप से जुड़े किसानों केलिए मिट्टी परीक्षण सुविधाओं को जोड़ा जा सकता है? प्रधानमंत्री को मृदा परीक्षण करने के तरीकों और किसानों केसाथ डिजिटल तरीके से रिपोर्ट साझा करने के बारेमें बताया गया, वे जैविक और माइक्रोबियल खाद को भी बढ़ावा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने किसानों के प्राकृतिक खेती अपनाने के बारेमें भी पूछा। प्रधानमंत्री ने इच्छा जताईकि स्वच्छ सर्वेक्षण में इंदौर के शानदार प्रदर्शन की तरह इंदौर जिले के किसानों को भी रसायन मुक्त खेती कर उदाहरण पेश करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहाकि युवा ऊर्जा से देश के विकास को नई गति मिल रही है, लोगों में यह भावना बनी हैकि आज देश में जितनी सक्रिय स्टार्टअप नीति है, उतना ही परिश्रमी स्टार्टअप नेतृत्व भी है। प्रधानमंत्री ने कहाकि लगभग 50 फीसदी स्टार्टअप टियर 2 और टियर 3 शहरों से हैं और कई राज्यों और शहरों में फैले हुए हैं, ये 50 से अधिक उद्योगों से जुड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि स्टार्टअप्स वास्तविक दुनिया की समस्याओं का समाधान देते हैं, आज के स्टार्टअप कल की बहुराष्ट्रीय कंपनियों में तब्दील हो रहे हैं। उन्होंने कहाकि आठ साल पहले स्टार्टअप की अवधारणा पर कुछ लोगों केबीच चर्चा होती थी और अब यह आम लोगों की चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने कहाकि यह बदलाव अचानक नहीं आया है, बल्कि सोची-समझी रणनीति का परिणाम है। उन्होंने कहाकि भारत में नए विचारों से समस्याओं के समाधान की ललक हमेशा रही है, ये हमने अपनी आईटी क्रांति के दौरमें अनुभव भी किया है, लेकिन जितना प्रोत्साहन, समर्थन युवाओं को मिलना चाहिए था, उतना नहीं मिला, उस माहौल को आगे नहीं बढ़ाया गया, पूरा एक दशक घोटालों और अराजकता के चलते एक पीढ़ी के सपने को तबाह कर दिया गया। उन्होंने कहाकि 2014 केबाद सरकार ने युवाओं में विचारों की ताकत को फिरसे बहाल किया है, युवाओं के सामर्थ्य पर विश्वास जताया है और एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया गया है। उन्होंने बतायाकि विचार से नवाचार से उद्योग तक का रोडमैप तैयार हुआ और तीन बातों पर फोकस किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इस रणनीति का पहला हिस्सा था- आइडिया, इनोवेट, इक्यूबेट और इंडस्ट्री, इनसे जुड़ी संस्थाओं के इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया, दूसरा-सरकारी प्रक्रियाओं का सरलीकरण था, तीसरा-एक नया पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर नवाचार केलिए मानसिकता में बदलाव, इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए हैकाथॉन जैसे कदम उठाए गए और स्टार्टअप केलिए पारिस्थितिकी तंत्र बनाने वाले हैकथॉन मूवमेंट में 15 लाख प्रतिभाशाली युवा शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने कहाकि सात साल पहले स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत विचारों को नवोन्मेष में बदलने और उन्हें उद्योग तक लेजाने की दिशा में बड़ा कदम था, एकसाल बाद अटल इनोवेशन मिशन शुरू किया गया, इसके तहत स्कूलों में अटल टिकरिंग लैब और उच्च शिक्षण संस्थानों में इनक्यूबेशन सेंटर्स की स्थापना की गई। उन्होंने कहाकि आज देशभर के 10 हजार से ज्यादा स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब चल रहे हैं, इनमें 75 लाख से अधिक बच्चे आधुनिक तकनीक से रूबरू हो रहे हैं, इसी तरह राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी नवाचार को बढ़ावा देती है, नवाचार क्षेत्रमें निजी निवेश बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि अंतरिक्ष, मैपिंग, ड्रोन आदि क्षेत्रों में किएगए सुधार स्टार्टअप्स केलिए नए अवसर खोल रहे हैं एवं स्टार्टअप के उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में आसानी केलिए जीईएम पोर्टल की स्थापना की गई।
प्रधानमंत्री ने कहाकि जीईएम पोर्टल पर 13 हजार से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत हैं और उन्होंने पोर्टल पर 6500 करोड़ से अधिक का कारोबार किया है। उन्होंने कहाकि डिजिटल इंडिया ने स्टार्टअप के विकास और नए बाजारों को खोलने में बड़ा योगदान किया, पर्यटन क्षेत्र के विकास में भी स्टार्टअप्स की प्रमुख भूमिका है, वे 'वोकल फॉर लोकल' को मजबूत करने केलिए मदद कर सकते हैं, आदिवासियों के हस्तशिल्प और अन्य उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहाकि सरकार गेमिंग उद्योग और खिलौना उद्योग को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने स्टार्टअप्स केलिए अग्रणी प्रौद्योगिकियों की क्षमता का भी जिक्र किया। उन्होंने बतायाकि खेल क्षेत्र में 800 से अधिक भारतीय स्टार्टअप शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमें भारत की सफलता को नई गति और ऊंचाई प्रदान करनी है, भारत जी-20 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजीसे बढ़ने और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहाकि स्मार्टफोन, डेटा खपत के मामले में भारत पहले और इंटरनेट यूजर्स के मामले में दूसरे नंबर पर है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत वैश्विक खुदरा सूचकांक में दूसरे स्थान पर हैं, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश है और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार भारत में है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ने इस साल 470 अरब डॉलर का मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट करके नया रिकॉर्ड बनाया है और बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व निवेश हुआ है। उन्होंने कहाकि भारत में कारोबार करने में सुगमता केसाथ रहना आसान बनाने पर भी काफी जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहाकि ये तथ्य हर भारतीय को गौरवांवित करते हैं और विश्वास पैदा करते हैंकि इस दशक में भारत की विकास गाथा नई ऊर्जा केसाथ आगे बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि अमृतकाल में हमारे प्रयास देश की दिशा तय करेंगे और हम अपने सामूहिक प्रयास से देशकी आकांक्षाओं को पूरा करेंगे। वीडियों कॉंफ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, एमपी सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक और बड़ी संख्या में स्टार्टअप्स शामिल हुए।

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