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भारत का मेडिकल हब बनेगा पूर्वांचल-पीएम

सिद्धार्थनगर में यूपी के 9 मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया

भारतीय भाषाओं में भी बेहतरीन मेडिकल पढ़ाई का विकल्प!

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 25 October 2021 05:53:39 PM

pm narendra modi, 9 medical colleges of up inaugurated in siddharthnagar

सिद्धार्थनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सिद्धार्थनगर के माधवप्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज सहित उत्तर प्रदेश के नौ मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया और कहा हैकि जिस पूर्वांचल को पहले की सरकारों ने बीमारियों से जूझने केलिए छोड़ दिया था, अब वही पूर्वी भारत का मेडिकल हब बनेगा। उन्होंने कहा कि दिमागी बुखार से हुई दुःखद मौतों की वजह से पिछली सरकारों ने पूर्वांचल की छवि खराब कर दी थी, वही पूर्वांचल, वही उत्तरप्रदेश अब पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देगा। नौ मेडिकल कॉलेजों में सिद्धार्थनगर में माधवप्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज, देवरिया में महर्षि देवरहाबाबा मेडिकल कॉलेज, गाज़ीपुर में महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज, मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी मेडिकल कॉलेज, प्रतापगढ़ में डॉक्टर सोनेलाल पटेल मेडिकल कॉलेज, एटा में वीरांगना अवंतीबाई लोधी मेडिकल कॉलेज, फतेहपुर में महान यौद्धा अमर शहीद जोधा सिंह एवं ठाकुर दरियांव सिंह के नाम पर मेडिकल कालेज, जौनपुर में उमानाथ सिंह मेडिकल कालेज और हरदोई का मेडिकल कालेज प्रमुख हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि सिद्धार्थनगर ने माधवप्रसाद त्रिपाठी के रूपमें एक ऐसा समर्पित जनप्रतिनिधि देश को दिया, जिनका अथाह परिश्रम आज राष्ट्र के काम आ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यूपी भाजपा के पहले अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री के रूपमें माधवप्रसाद त्रिपाठी ने विशेष रूपसे पूर्वांचल के विकास की चिंता की, इसलिए सिद्धार्थनगर के नए मेडिकल कॉलेज का नाम माधवबाबू के नामपर रखना उनके सेवाभाव केप्रति सच्ची कार्यांजलि है। प्रधानमंत्री ने कहा कि माधवबाबू का नाम यहां से पढ़कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को जनसेवा की निरंतर प्रेरणा भी देगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से करीब ढाई हजार नए बिस्तर तैयार हुए हैं, पांच हजार से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिक्स केलिए रोज़गार के नए अवसर बने हैं, इसके साथ ही हर वर्ष सैकड़ों युवाओं केलिए मेडिकल की पढ़ाई का नया रास्ता खुला है। उन्होंने कहाकि मेडिकल कॉलेज सिर्फ बेहतर इलाज ही नहीं देते, बल्कि नए डॉक्टर, नए पैरामेडिक्स का भी निर्माण करते हैं, जब मेडिकल कॉलेज बनता है तो वहां पर विशेष प्रकार की लेबोरेटरी ट्रेनिंग सेंटर, नर्सिंग यूनिट, मेडिकल यूनिट और रोज़गार के अनेक नए साधन बनते हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से पहले के दशकों में देश में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने केलिए राष्ट्रव्यापी रणनीति पर काम ही नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मरण किया कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संसद सदस्य थे, तब उन्होंने संसद में उत्तरप्रदेश की बदहाल चिकित्सा व्यवस्था की व्यथा सुनाई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तरप्रदेश के लोग देख रहे हैं कि जब योगीजी को जनता-जनार्दन की सेवा का मौका मिला तो कैसे उन्होंने दिमागी बुखार को बढ़ने से रोक दिया और इस क्षेत्र के हजारों बच्चों का जीवन बचा लिया। उन्होंने कहा कि सरकार जब संवेदनशील हो, गरीब का दर्द समझने केलिए मन में करुणाभाव हो तो इसी तरह काम होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तरप्रदेश के इतिहास में कभी एकसाथ इतने मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण नहीं हुआ, पहले ऐसा नहीं होता था और अब ऐसा क्यों हो रहा है, इसका एक ही कारण है-राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक प्राथमिकता। प्रधानमंत्री ने बताया कि सात साल पहले जो सरकार दिल्ली में थी और चार साल पहले जो यहां उत्तरप्रदेश की सरकार थी, वह सिर्फ वोट केलिए काम करती थी, तब कहीं डिस्पेंसरी की, कहीं छोटे-मोटे अस्पताल की घोषणा करके बैठ जाती थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सालों-साल तक या तो इमारत नहीं बनती थी और अगर बनती भी थी तो मशीनें नहीं होती थीं, दोनों हो गईं तो डॉक्टर और दूसरा स्टाफ नहीं होता था, ऊपर से गरीबों के हजारों करोड़ रुपये लूटने वाली भ्रष्टाचार की साइकिल चौबीस घंटे अलग से चलती रहती थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 से पहले हमारे देश में मेडिकल सीटें 90 हजार से कम थीं, बीते सात वर्ष में देश में मेडिकल की 60 हजार नई सीटें जोड़ी गई हैं। उन्होंने कहाकि यहां उत्तरप्रदेश में भी 2017 तक मेडिकल की सीटें 90 हजार से भी कम थीं, जबकि डबल इंजन की सरकार में पिछले चार साल में ही 1900 सीटों से ज्यादा मेडिकल सीटों की बढ़ोतरी की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं को देशभर में अलग-अलग एंट्रेंस टेस्ट की टेंशन से मुक्ति दिलाने केलिए वन नेशन, वन एग्ज़ाम को लागू किया गया है, मेडिकल शिक्षा गरीब और मिडिल क्लास की पहुंच में हो, इसके लिए प्राइवेट कॉलेज की फीस को नियंत्रित रखने केलिए कानूनी प्रावधान भी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी सहित अनेक भारतीय भाषाओं में भी मेडिकल की बेहतरीन पढ़ाई का विकल्प दे दिया गया है, अपनी मातृभाषा में जब युवा सीखेंगे तो अपने काम पर उनकी पकड़ भी बेहतर होगी। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया भी उपस्थित थे।

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