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'टीके की दोनों खुराक लें, लापरवाही न करें'

भारत में दुनिया का व्यापक टीकाकरण अभियान प्रारंभ हुआ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का टीके पर देश को विशेष संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 16 January 2021 04:46:53 PM

narendra modi launching the pan india rollout of covid-19 vaccination drive via video conferencing

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सम्पूर्ण भारत में कोविड-19 टीकाकरण अभियान का शुभारंभ कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से मुक़ाबले की भारत की तैयारी देश के आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि दुनिया ने इससे पहले कभी भी इतने व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान नहीं देखा होगा, कोरोना से मुक़ाबले की भारत की तैयारी को वैश्विक समर्थन मिला है। प्रधानमंत्री ने अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं के प्रति सम्मान भी प्रकट किया। नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण अभियान की वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से शुरुआत की। यह दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है, जिसे सम्पूर्ण भारत में एक साथ लागू किया गया है। टीकाकरण अभियान से आज देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वह सभी 3006 स्थान भी एक साथ जुड़े जहां-जहां टीकाकरण होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्बोधन की शुरुआत टीका विकसित करने के अभियान से जुड़े वैज्ञानिकों की प्रशंसा के साथ हुई। उन्होंने कहा कि आमतौर पर टीकों के विकास में वर्षों लग जाते हैं, लेकिन यहां इतने कम समय में एक नहीं दो-दो भारत निर्मित टीके विकसित किए गए। प्रधानमंत्री ने लोगों को आगाह किया कि टीके की दोनों खुराक लेने के प्रति लापरवाही बिलकुल न करें। उन्होंने कहा कि दोनों टीकों के बीच 1 महीने का अंतर रहेगा, लोगों को कोरोना से बचाव के उपायों के प्रति ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए, क्योंकि कोरोना के खिलाफ प्रतिरोधी क्षमता टीका लगाए जाने के दो सप्ताह बाद ही विकसित होती है। प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान की व्यापकता का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले चरण में ही तीन करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जाना है, जो दुनिया के लगभग 100 देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि दूसरे चरण में इस दायरे को बढ़ाकर 30 करोड़ किया जाए, ताकि दूसरे चरण में ही वरिष्ठ नागरिकों और ऐसे लोगों को शामिल किया जा सके, जो किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में मात्र 3 देश ऐसे हैं, जिनकी जनसंख्या 30 करोड़ से अधिक है, इसमें भारत, अमेरिका और चीन शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि भारत में विकसित और निर्मित इन टीको के खिलाफ किसी भी तरह की अफवाह की मुहिम को महत्व न दें, क्योंकि भारतीय टीका वैज्ञानिकों, भारत के चिकित्सा तंत्र और भारत की प्रक्रियाओं तथा संस्थागत तंत्र को वैश्विक स्तरपर विश्वस्त प्राप्त है, जो निरंतर बेहतर रिकॉर्ड के आधार पर अर्जित किया गया है। प्रधानमंत्री ने कोरोना के खिलाफ एकजुट होकर बहादुरी से संघर्ष किए जाने के लिए देश को बधाई दी। उन्होंने कोरोना के प्रति भारत की प्रतिक्रिया को आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का प्रतीक कहा, प्रत्येक भारतीय के आत्मविश्वास बनाए रखने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा कार्यकर्ता, स्वच्छता कर्मचारी और पुलिस तथा अन्य अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं पर विस्तार से बात की, जिन्होंने दूसरों का जीवन बचाने के लिए अपने जीवन को जोखिम में डाला। प्रधानमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ी जा रही इस लड़ाई में कई अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता ऐसे थे, जो अपने घरों को नहीं लौट सके और अपने जीवन का बलिदान कर दिया।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि अग्रिम पंक्ति के इन्हीं कार्यकर्ताओं ने उस भय के वातावरण में भी लोगों में विश्वास भरा, आज सबसे पहले अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को टीका देकर देश उनके योगदान के प्रति अपना आभार प्रकट कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अपेक्षित सजगता का प्रमाण दिया और सही समय पर सही फैसले किए गए, भारत में कोरोना का पहला मामला सामने आने से पहले जोकि 30 जनवरी 2020 को सामने आया था, एक उच्चस्तरीय समिति का गठन कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि भारत ने आज से ठीक 1 वर्ष पहले ही निगरानी शुरु कर दी थी, 17 जनवरी 2020 को भारत में पहली एडवाइजरी जारी की गई थी और भारत पहला ऐसा राष्ट्र बना था, जिसने हवाई अड्डों पर यात्रियों की जांच शुरू कर दी थी। प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू को संपूर्ण भारत में पूरे अनुशासन और धैर्य के साथ सम्मान देने और उसका पालन करने के लिए देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने रेखांकित किया कि इस अभ्यास ने देश को लॉकडाउन के लिए मनोवैज्ञानिक रूपसे तैयार होने में मददगार रहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि ताली, थाली और दिया जलाने वाले अभियानों ने देश का हौसला बढ़ाया।
प्रधानमंत्री ने विश्व के विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को वहां से निकालने के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया के विभिन्न देशों ने चीन में फंसे अपने नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया था, भारत ने न केवल भारतीय नागरिकों को चीन से निकाला, बल्कि अन्य देशों के नागरिकों को भी उनके घर पहुंचाया। उन्होंने याद किया कि जब एक देश में वहां से निकाले जा रहे भारतीयों का परीक्षण करने में कठिनाई आ रही थी, तब भारत ने एक पूरी की पूरी प्रयोगशाला जांच के लिए उस देश में भेजी। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से मुक़ाबले में भारत ने जिस तरह से प्रतिक्रिया दिखाई उसकी अभिस्वीकृति पूरी दुनिया से प्राप्त हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह तभी संभव हो पाया जब केंद्र से लेकर राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, सरकारी अधिकारियों, सामाजिक संगठनों ने एकजुटता से एक दिशा में एक उद्देश्य के लिए प्रभावी ढंग से कार्य किया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरुआत पर वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि देश आज एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने जा रहा है, विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत के वैज्ञानिकों की अपार क्षमता और हमारे नेतृत्व की शक्ति को दर्शाता है। अमित शाह ने कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में से एक है जिसने मानवता के विरुद्ध आए सबसे बड़े संकट को समाप्त करने की दिशा में विजय पायी है,इस अभूतपूर्व उपलब्धि से हर भारतीय गौरवांवित है और यह विश्वपटल पर एक नए आत्मनिर्भर भारत का उदय है। गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला यह नया भारत आपदाओं को अवसर में और चुनौतियों को उपलब्धियों में बदलने वाला भारत है। अमित शाह ने इस ऐतिहासिक दिन पर सभी कोरोना योद्धाओं को कोटि-कोटि नमन करते हुए यह भी कहा कि यह 'मेड इन इंडिया' वैक्सीन आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की परिचायक है।

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