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प्रधानमंत्री ने की कोविड टीकाकरण की समीक्षा

राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रशासकों के साथ वीडियो कॉंफ्रेंसिंग

टीकाकरण अभियान में सबसे अहम पहचान और मॉनीटरिंग है

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Tuesday 12 January 2021 03:21:10 PM

narendra modi chairs a high level meeting for covid-19 vaccination

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमारा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई के निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है, 16 जनवरी से दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो रही है। उन्होंने कहा कि देशवासियों को प्रभावी वैक्सीन देने के लिए हमारे एक्सपर्ट ने हर प्रकार की सावधानियां बरती हैं। प्रधानमंत्री ने कोविड-19 के टीकाकरण की स्थिति और तैयारियों की समीक्षा के लिए सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और प्रशासकों के साथ वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से एक उच्चस्तरीय बैठक में केंद्र और राज्यों के बीच निरंतर समन्वय एवं संवाद तथा समय पर निर्णय लेने की सराहना की, जिसने वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी भूमिका निभाई है, अन्य देशों की तुलना में भारत में वायरस को फैलने से रोका जा सका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत में नागरिकों को जो भय और आशंका थी, वह अब समाप्त हो गई है और बढ़ते आत्मविश्वास की झलक सकारात्मक रूपसे आर्थिक गतिविधियों पर भी दिखाई देने लगी है। उन्होंने इस लड़ाई में उत्साह से काम करने के लिए राज्य सरकारों की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश 16 जनवरी से दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत के साथ इस लड़ाई के निर्णायक चरण में है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में हमारे सफाई कर्मचारी, दूसरे फ्रंट लाइन वर्कर्स हैं, सैन्य बल हैं, पुलिस व केंद्रीय बल हैं, होमगार्ड्स हैं, डिजास्टर मैनेजमेंट वोलेंटियर्स, सिविल डिफेंस के जवान, कंटेन्मेंटस सर्विलांस से जुड़े कर्मचारियों को पहले चरण में टीका लगाया जाएगा, ऐसे कर्मियों की कुल संख्या लगभग 3 करोड़ है। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकारों को पहले चरण में इन 3 करोड़ लोगों को टीका लगाने के लिए कोई खर्च नहीं उठाना पड़ेगा, इस लागत को केंद्र वहन करेगा। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि दोनों टीके जिनके आपातकालीन उपयोग का अधिकार दिया गया है भारत में बनाए गए हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दोनों स्वीकृत टीके दुनियाभर के अन्य टीकों की तुलना में अत्यधिक सस्‍ते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता यदि वह विदेशी टीकों पर निर्भर रहता। प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकाकरण के साथ भारत का व्यापक अनुभव इस प्रयास में उपयोगी साबित होगा। उन्होंने कहा कि राज्यों के परामर्श के बाद विशेषज्ञों और वैज्ञानिक समुदाय की सलाह के अनुसार टीकाकरण की प्राथमिकता तय की गई है, सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सबसे पहले टीका लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरे चरण में 50 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को और 50 वर्ष से नीचे के उन बीमार लोगों को जिनकों संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है, उनको टीका लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के साथ बुनियादी ढांचे और रसद की तैयारी कर ली गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकाकरण के लिए ड्राई रन भी देशभर में किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के लिए हमारी नई तैयारियों और एसओपी को सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम चलाने और देशभर में चुनाव कराने के हमारे पुराने अनुभवों से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनावों के लिए उपयोग की जाने वाली बूथस्तर की रणनीति का उपयोग यहां भी किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टिप्पणी की कि टीकाकरण अभियान में सबसे महत्वपूर्ण कारक उन लोगों की पहचान और निगरानी है, जिन्हें टीकाकरण की आवश्यकता है, इसके लिए को-विन डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया गया है। उन्होंने कहा कि आधार की मदद से, लाभार्थियों की पहचान की जाएगी और साथ ही समय पर दूसरी खुराक सुनिश्चित की जाएगी। प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित किया कि टीकाकरण से संबंधित रियल टाइम डेटा को-विन पर अपलोड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को टीकाकरण की पहली खुराक प्राप्त होने के बाद, को-विन तुरंत एक डिजिटल टीकाकरण प्रमाणपत्र तैयार करेगा, यह प्रमाणपत्र दूसरी खुराक के लिए रिमाइंडर (याद दिलाने) के रूपमें भी काम करेगा, जिसके बाद एक अंतिम प्रमाणपत्र दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में टीकाकरण अभियान महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई अन्य देश हमारा अनुसरण करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के लिए टीकाकरण पिछले 3-4 सप्ताह से लगभग 50 देशों में चल रहा है, और अबतक लगभग 2.5 करोड़ लोगों को ही टीका लग पाया है, भारत का लक्ष्य अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीन के कारण किसी व्यक्ति को कष्‍ट होने की स्थिति में उचित व्‍यवस्‍था की गई है। उन्‍होंने कहा कि इस तरह की व्‍यवस्‍था सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के लिए पहले से ही है और इस टीकाकरण अभियान के लिए इसे और मजबूत किया गया है। प्रधानमंत्री ने इस प्रयास में कोविड संबंधित प्रोटोकॉल का पालन करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को जांच में टीकाकरण से संबंधित अफवाहों पर अंकुश लगाएं, इसके लिए धार्मिक और सामाजिक संगठनों, एनवाईके, एनएसएस, एसएचजी आदि से मदद ली जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने केरल, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र सहित नौ राज्यों में बर्ड फ़्लू फैलने पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने समस्या से निपटने के लिए एक योजना बनाई है, जिसमें जिलाधिकारियों की अहम भूमिका होगी। उन्होंने प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपने डीएम का मार्गदर्शन करने के लिए कहा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वन, स्वास्थ्य और पशुपालन विभागों के बीच उचित समन्वय के माध्यम से, हम जल्द ही इस चुनौती पर विजय हासिल कर लेंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में कोविड का सामना करने में देश ने अन्य देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि राज्यों द्वारा अब तक इस प्रयास में प्रदर्शित सहयोग को टीकाकरण अभियान में भी जारी रखना चाहिए। मुख्यमंत्रियों ने टीकाकरण की शुरुआत पर खुशी जाहिर की। उन्होंने टीकों के बारे में कुछ मुद्दों और चिंताओं पर चर्चा की, जिन्हें बैठक में स्पष्ट किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने टीकाकरण अभियान की तैयारियों पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि टीकाकरण जनभागीदारी पर आधारित होगा और मौजूदा स्वास्थ्य सेवा व्‍यवस्‍था से समझौता किए बिना क्रमबद्ध और बिना किसी बाधा के इसे लागू किया जाएगा। उन्होंने इस अभियान के लिए लॉजिस्टिक की तैयारियों का अवलोकन भी किया।

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