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आखिर मुर्मू जम्मू-कश्मीर से हटाए गए!

चुनाव आयोग ने मुर्मू के लेखों पर जताई थी नाराज़गी

बीजेपी नेता मनोज सिन्हा नए उपराज्यपाल बनाए गए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 6 August 2020 01:44:37 PM

manoj sinha and girish chandra murmu

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के रूपमें गिरीश चंद्र मुर्मू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और उनके स्‍थान पर मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त किया है। मनोज सिन्हा की नियुक्ति गिरीश चंद्र मुर्मू के स्‍थान पर उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी मानी जाएगी। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल बनाए गए मनोज सिन्हा बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी रहे हैं। वे स्वयं सेवक संघ से जुड़े हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनकर आए थे, मगर 2019 के लोकसभा चुनाव में हार गए थे।
गौरतलब है कि गिरीश चंद्र मुर्मू केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर बनाए गए थे। वे गुजरात कॉडर के 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में वे उनके प्रमुख सचिव हुआ करते थे। वह केंद्रीय वित्त मंत्रालय में भी व्यय विभाग के सचिव रह चुके हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल जीसी मुर्मू के 'परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव' जैसे अखबारों में प्रकाशित उनके लेख और बयान पर भारत निर्वाचन आयोग ने कड़ी अप्रसन्नता प्रकट की थी और उपराज्यपाल से ऐसे बयानों पर रोक लगाने को भी कहा था। निर्वाचन आयोग ने उनसे कहा था कि संवैधानिक योजनाओं में चुनावों का समय आदि तय करना भारत के चुनाव आयोग का एकमात्र अधिकार है।
जीसी मुर्मू ने द ट्रिब्यून अखबार में 28 जुलाई 2020 को 'परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव' शीर्षक से लेख लिखा था। उनके इसी तरह के लेख और बयान इससे पहले द हिंदू में दिनांक 18.11.2019, न्यूज़ 18 में दिनांक 14.11.2019, हिंदुस्तान टाइम्स में 26.6.2020 और इकोनॉमिक टाइम्स (ई-पेपर) में दिनांक 28.7.2020 को भी छपे थे। निर्वाचन आयोग ने जीसी मुर्मू के जम्मू और कश्मीर में चुनाव संबंधी लेखों और बयानों का कड़ा संज्ञान लेते हुए उनसे कहा था कि चुनाव वाले इलाके में स्थलाकृति, मौसम, क्षेत्रीय तथा स्थानीय उत्सवों से उत्पन्न होने वाली संवेदनशीलता सहित सभी प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखकर चुनाव कराने का फैसला किया जाता है और वैसे भी संवैधानिक योजनाओं में चुनावों का समय आदि तय करना भारत चुनाव आयोग का एकमात्र अधिकार है।
निर्वाचन आयोग ने उदाहरण के तौर पर कहा था कि कोविड-19 ने मौजूदा समय में नई विषम स्थिति पैदा कर दी है, जिसको भी ध्यान में रखा जाना चाहिए, मौजूदा मामले में परिसीमन के नतीजे को भी निर्णय लेते वक्त ध्यान में रखना मुनासिब होगा। निर्वाचन आयोग ने उनसे कहा था कि इसी तरह केंद्रीय पुलिस बलों के परिवहन केंद्रीय बल और रेलवे कोच आदि की उपलब्धता महत्वपूर्ण कारक हैं, इसलिए चुनाव पर सावधानीपूर्वक सोच-विचार के बाद निर्णय लिया जाता है। चुनाव आयोग ने कहा था कि उपराज्यपाल के अलावा भी वहां के अन्य अधिकारियों को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए, जो चुनाव आयोग के संवैधानिक आदेश के साथ लगभग हस्तक्षेप करने के समान हैं। समझा जाता है कि इसी असहजता के कारण जीसी मुर्मू जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल के पद से हटाए गए हैं।

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