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वीरान है गंगा का परंपरागत मार्ग विदुरकुटी!

बिजनौर में गंगा बैराज पर ही होगा गंगा यात्रा का स्वागत

बिजनौर प्रशासन की गंगा यात्रा के स्वागत की तैयारियां

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 22 January 2020 02:21:19 PM

bijnor administration prepares for the ganga trip

बिजनौर। उत्तर प्रदेश सरकार का बलिया से बिजनौर तक गंगा यात्रा का प्लान बना तो बिजनौर में भी गंगा के स्वागत की तैयारियां चल रही हैं। हर कोई जानता है कि बिजनौर में गंज में गंगा का ऐतिहासिक और पौराणिक मार्ग विदुरकुटी से होकर जाया करता था, कार्तिक पूर्णिमा पर यहीं पर मेला और स्नान होता था, लेकिन चाहे जो कारण हुए हों काफी समय से अब गंगा यहां से बहुत दूर जा चुकी है, जिससे अब यह बड़ा पर्यटन स्‍थल वीरान हो चुका है। बिजनौर में गंगा बैराज ही एक मात्र विकसित स्‍थल बचा है, जहां इस गंगा यात्रा के स्वागत की रस्म निभाई जाएगी। कहना न होगा कि इन दो दशकों में तो बिजनौर ने प्रशासनिक और विकास के प्रति स्‍थानीय प्रशासन की मनमर्जी और गहरी उदासीनता के कारण बहुत कुछ खोया है। सच कहा जाए तो अपवाद को छोड़कर यहां पर जिलाधिकारी हों या पुलिस कप्तान या फिर कुछ दूसरे अफसरान, सोने की चिड़िया कहे जाने वाले बिजनौर जनपद का आंख मूंदकर दोहन ही करते पाए जा रहे हैं। राजनीतिक नेतृत्व ने भी बिजनौर जनपद को बहुत निराश किया है। स्‍थानीय प्रशासन के कुछ भ्रष्ट और नाकाम अधिकारियों का एक जबरदस्त सिंडिकेट बिजनौर पर प्रशासन करता आ रहा है, जिसका जैसे एकमात्र उद्देश्य है कि लूटो और निकलो। बहरहाल यह अलग मुद्दा है।
जिलाधिकारी रमाकांत पांडेय और पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने प्रस्तावित गंगा यात्रा सुचारू रूपसे पूर्ण कराने के उद्देश्य से उसकी तैयारियों की समीक्षा बैठक की। रमाकांत पांडेय ने जानकारी दी कि 27 से 31 जनवरी तक बिजनौर से कानपुर तथा बलिया से कानपुर गंगा यात्रा प्रस्तावित है। जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी एवं संबंधित निकायों के अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी दशा में गंगा के तटीय गांवों में पॉलिथिन, प्लास्टिक एवं हानिकारक अपशिष्ट नज़र नहीं आने चाहिएं, वे उनके डिस्पोजल का उचित प्रबंधन करना सुनिश्चित करें, ताकि उनमें से कोई भी वस्तु गंगाजल में न जाने पाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ग्रामवासियों को गंगा की पवित्रता, स्वच्छता और निर्मलता के प्रति जागरुक करने के लिए गंगा यात्रा के दौरान और बाद में भी नियमित रूपसे भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करते रहें और समय-समय पर ग्रामवासियों की सहभागिता के साथ विशेष सफाई अभियान चलाते हुए स्वच्छता के प्रति नियमित रूपसे प्रेरित करते रहें। जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी से कहा कि वे प्रत्येक स्कूल में स्वच्छ गंगा बाल समिति बनाकर स्वच्छता के संबंध में छात्रों को जानकारी उपलब्ध कराएं और उन्हीं छात्रों के माध्यम से ग्रामवासियों को गंगा को स्वच्छ रखने के लिए जागरुक करें, सामुहिक रूपसे उन्हें शपथ दिलाएं, नियमित रूपसे खेलों का आयोजन करना भी सुनिश्चित करें, साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि गंगा यात्रा से संबंधित समस्त गांव में जहां पर स्कूलों में मूलभूत आवश्यकताएं हैं, उन्हें तत्काल पूरा कराएं।
जिलाधिकारी बिजनौर ने कहा कि विगत बैठक में गंगा यात्रा के अवसर पर विभिन्न विभागों के होने वाले कार्यक्रमों एवं आयोजनों का माईक्रो प्लान जो उपलब्ध कराया गया है, उसके सापेक्ष सभी विभाग अपनी सभी जिम्मेदारियों को समयानुसार पूर्ण करें। उन्होंने निर्देशित किया कि प्लान के अनुरूप विभागीय कार्यक्रमों को पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ क्रियांवित करना सुनिश्चित किया जाए, सभी अधिकारी निर्धारित कार्यक्रम स्थल का स्वयं निरीक्षण कर कार्य की गुणवत्ता का जायजा लें और यदि कहीं कमी पाई जाए तो तत्काल उसको दूरकर मानक के अनुरूप कार्य कराना सुनिश्चित करें। उन्होंन कहा कि 27 से 31 जनवरी के दौरान गंगा यात्रा से संबंधित अधिकारी अपने दायित्व का निर्वहन सुनिश्चित करें। उन्होंने खराब सड़कों पर भी फोकस किया और उन्हें तत्काल ठीक कराने को कहा। जिलाधिकारी ने गंगा यात्रा में पड़ने वाले 22 गांव के नोडल अधिकारियों से कहा कि वे दो दिवस के अंदर विजिट करें, साथ ही जो भी समस्याएं हैं, उन्हें मुख्य विकास अधिकारी और अपने उच्चाधिकारियों को अवगत कराकर संबंधित विभागीय अधिकारियों से भी तालमेल बनाकर समयानुसार समाधान सुनिश्चित करें।
रमाकांत पांडेय ने कहा कि गंगा को स्वच्छ, निर्मल, प्रेरणादायक बनाने एवं अपने मूलरूप में लाने के उद्देश्य से गंगा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गंगा यात्रा प्रदेश के गंगा नदी के किनारे 1038 ग्राम पंचायतों, 26 जिलों एवं 21 नगर निकायों से होकर गुजरेगी। इस दौरान पवित्र गंगा नदी के दोनों किनारों पर गांवों, कस्बों, शहरों एवं मोहल्लों में इस आयोजन में शामिल विभाग विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के माध्यम से गंगा नदी को स्वच्छ, निर्मल, अविरल और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए जनजागरण अभियान चलाएंगे। उन्होंने बताया कि जलमार्ग से यह यात्रा कुल 108 किलोमीटर तथा सड़क मार्ग से 1162 किलोमीटर पांच दिवस में पूर्ण होगी। जिलाधिकारी ने बताया कि गंगा यात्रा के दौरान जिले में गंगा के दोनों तटों पर गंगा यात्रा का स्वागत किया जाएगा तथा ग्रामवासियों को गंगा की महत्ता से भी अवगत कराया जाएगा। उन्होंने नगर विकास विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि गंगा किनारे जहां घाट नहीं हैं, वहां चबूतरों का निर्माण कराएं तथा खाली स्थानों पर ओपन जिम बनाने की व्यवस्था करें, जहां पर लोग शारीरिक व्यायाम कर सकेंगे। उन्होंने गंगा के तटीय ग्रामों में विशेष रूपसे स्वच्छता अभियान चलाने तथा गंगा तालाबों को मनरेगा के माध्यम से विकसित कराकर उनका सौंदर्यीकरण कराने को कहा।
गंगा यात्रा तैयारी समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने गंगा यात्रा के दौरान विभागीय गतिविधियों एवं कार्यक्रमों को अंजाम देने वाले नगरविकास विभाग, ग्राम्य विकास, पंचायत राज, खेलकूद एवं युवा कल्याण, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, उद्यान, कृषि, वन एवं पर्यावरण, बेसिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा, पशुधन, लोक निर्माण, सूचना, पर्यटन एवं संस्कृति, सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने पुलिस क्षेत्राधिकारियों को गंगा यात्रा में सुरक्षा चौक चौबंद रखने, यात्रा की सभी जानकारियां अपडेट रखने को कहा। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि गंगा यात्रा में जो जल यात्रा या रथ यात्रा होनी है, उसकी पूरी तैयारी प्लान अनुसार करें, जिससे यात्रा के दौरान कोई भी परेशानी न आने पाए। बिजनौर जिले के विकास के लिए करोड़ों रुपये शासन से आते हैं, मगर इस सबके बावजूद इस दशक में भी अभी तक बिजनौर जिले के विदुरकुटी जैसे ऐतिहासिक स्‍थलों के विकास के लिए जिला प्रशासन का कोई भी प्लान सामने नहीं है। कभी ऐसी कोशिश सामने नहीं आई कि गंगा को दारानगर गंज में विदुर‌कुटी पर वापस लाया जाए या इस विश्वविख्यात स्‍थल को पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जाए। गौरतलब है कि बिजनौर जनपद में अनेक पौराणिक स्‍थल हैं, जो निर्जन हैं और उपेक्षा के शिकार हैं। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी केपी सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन विनोद कुमार गौड़, अपर पुलिस अधीक्षक, परियोजना निदेशक डीआरडीए आरके श्रीवास्वत, उपनिदेशक कृषि जेपी सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी, सामाजिक वानिकी निदेशक, उपजिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी, संबंधित विभागों के जिलास्तरीय अधिकारी एवं तहसीलदार मौजूद थे।

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