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त्रिपुरा में फिरसे ब्रू-रियांग परिवारों का बसेरा

गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में ऐतिहासिक समझौता

'उत्तर पूर्व की प्रगति व सशक्तिकरण का नीतिगत कदम'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 17 January 2020 03:23:04 PM

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नई दिल्ली। भारत सरकार, त्रिपुरा, मिज़ोरम सरकार और ब्रू-रियांग प्रतिनिधियों के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में नई दिल्ली में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत करीब 23 वर्ष से चल रही इस बड़ी मानव समस्‍या का स्थाई समाधान करते हुए 34 हजार ब्रू-रियांग परिवारों को फिरसे त्रिपुरा में अपना बसेरा बनाने की अनुमति मिल गई है। गृहमंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि यह ऐतिहासिक समझौता उत्तर पूर्व की प्रगति और क्षेत्र के लोगों के सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास, पर्यटन और सामाजिक विकास में काफी सुधार हुआ है। बैठक में मिज़ोरम के मुख्यमंत्री जोराम्थंगा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिपलब कुमार देब, एनईडीए के अध्यक्ष हेमंत बिस्व सरमा, टीआईपीआरए के अध्यक्ष प्रद्युत किशोर देबबर्मा, ब्रू प्रतिनिधि और संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने लंबे समय से हजारों की संख्या में प्रताड़ित व्यक्तियों व परिवारों को भारत में पुनः बसाने का स्थायी समाधान निकाल लिया है। उन्होंने कहा कि इस समझौते के अंतर्गत ब्रू-रियांग को पुनर्स्थापित करने का यह मुद्दा त्रिपुरा और मिज़ोरम राज्‍य सरकार व ब्रू-रियांग प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श करके एक नई व्‍यवस्‍था बनाने का फैसला किया, जिसके अंतर्गत वे सभी ब्रू-रियांग परिवार जो त्रिपुरा में ही बसना चाहते हैं और उनके लिए त्रिपुरा में ही व्‍यवस्‍था करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि इन सभी को राज्य के नागरिकों के सभी अधिकार दिए जाएंगे और वे केंद्र एवं राज्य सरकारों की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी उठा सकेंगे। गृहमंत्री ने कहा कि इस समझौते से ब्रू-रियांग परिवार अपना सर्वांगीण विकास करने में समर्थ होंगे, इसके लिए भारत सरकार को त्रिपुरा व मिज़ोरम सरकार और ब्रू-रियांग प्रतिनिधियों का पूरा समर्थन मिला है।
गृहमंत्री अमित शाह ने बताया की इस नई व्‍यवस्‍था के अंतर्गत विस्‍थापित ब्रू-रियांग परिवारों को 40x30 फुट का आवासीय प्‍लॉट दिया जाएगा और उनकी आर्थिक सहायता के लिए प्रत्‍येक परिवार को पहले समझौते के अनुसार 4 लाख रुपयेफ़िक्स्ड डिपॉज़िट, दो साल तक 5 हजार रुपये प्रतिमाह नकद सहायता, दो साल तक फ्री राशन और मकान बनाने के लिए 1.5 लाख रुपये भी दिए जाएंगे। गृहमंत्री ने कहा कि इसके लिए त्रिपुरा सरकार भूमि की व्‍यवस्‍था करेगी। उन्होंने बताया कि समझौते के तहत करीब 600 करोड़ रुपये की सहायता केंद्र सरकार की ओर से दी जाएगी। अमित शाह ने कहा कि हाल ही में उग्रवादी संगठन एनएलएफटी (एसडी) के 88 हथियारबंध उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिन्हें मुख्यधारा में शामिल कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा राज्य के लिए ये एक महत्वपूर्ण कदम है, इससे राज्य की शांति व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार में उत्तर पूर्व की बड़ी समस्याओं को तीव्रगति से हल किया जा रहा है और ब्रू-रियांग समझौता त्रिपुरा के लिए उस दिशा में एक दूसरा महत्वपूर्ण कदम है। गृहमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही सम्पूर्ण उत्तर पूर्व में पूर्ण शांति बहाल करके इस क्षेत्र का तीव्र विकास किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 1997 में जातीय तनाव के कारण करीब 5,000 ब्रू-रियांग परिवारों ने मिज़ोरम से त्रिपुरा में शरण ले ली थी, जिसमें करीब 30,000 परिवार शामिल थे, जिनको वहां कंचनपुर उत्तरी त्रिपुरा में अस्थायी शिविरों में रखा गया था। वर्ष 2010 से भारत सरकार लगातार प्रयास करती रही है कि इन ब्रू-रियांगपरिवारों को स्थायी रूपसे बसाया जाए। वर्ष 2014 तक विभिन्‍न बैचों में 1622 ब्रू-रियांग परिवार मिज़ोरम वापस गए। ब्रू-रियांग विस्‍थापित परिवारों की देखभाल एवं पुनर्स्‍थापन के लिए भारत सरकार, त्रिपुरा और मिज़ोरम सरकार की सहायता करती रही है। भारत सरकार, मिज़ोरम व त्रिपुरा सरकार व ब्रू-रियांग प्रतिनिधियों के बीच 3 जुलाई 2018 को एक समझौता हुआ था, जिसके उपरांत ब्रू-रियांग परिवारों को दी जाने वाली सहायता में बढ़ोतरी भी की गई है। वर्ष 2018-19 में 328 परिवार त्रिपुरा से मिज़ोरम इस नए समझौते के तहत वापस गए। अधिकांश ब्रू-रियांग परिवारों की यह मांग थी कि उन्‍हें सुरक्षा की आशंकाओं को ध्‍यान में रखते हुए त्रिपुरा में ही बसा दिया जाए।

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