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इंटरनेट सूचना तो पुस्‍तकें ज्ञान का भंडार-अमित

दिल्ली पुस्तक मेले में प्रकाशन विभाग की पुस्‍तकों का विमोचन

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पुस्तक मेले की विषयवस्‍तु

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 12 September 2019 02:06:18 PM

stall of publications division in the delhi book fair

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव अमित खरे ने प्रगति मैदान में दिल्ली पुस्तक मेले में प्रकाशन विभाग के स्टॉल पर विभाग की पांच पुस्‍तकों का विमोचन किया। अमित खरे ने हिंदी, अंग्रेजी और अनेक भारतीय भाषाओं में महान विभूतियों के जीवन परिचय से जुड़ी पुस्‍तकें प्रकाशित कर लोगों को उनके करीब लाने के लिए प्रकाशन विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्‍होंने इंटरनेट युग में पुस्‍तकों की फलती-फूलती संस्‍कृति की चर्चा करते हुए कहा कि हालांकि इंटरनेट सूचना का खजाना है, लेकिन पुस्‍तकें ज्ञान प्रदान करती हैं। गांधीवादी विचारों पर पुस्‍तकों का एक प्रमुख प्रकाशक होने के नाते प्रकाशन विभाग ने प्रिंट और ई-संस्‍करण में महात्‍मा गांधी शीर्षक की एक श्रृंखला प्रदर्शित की है। राष्‍ट्रपति, उपराष्‍ट्रपति और प्रधानमंत्री के भाषणों और इतिहास, धरोहर जैसे विविध विषयों, बच्‍चों के साहित्‍य, कला और संस्‍कृति, आजादी के लिए राष्‍ट्रीय आंदोलन, राष्‍ट्रीय नेताओं की जीवनियां, वनस्‍पति और जीव-जंतु, विज्ञान और अर्थव्‍यवस्‍था, राष्‍ट्रपति भवन पर पुस्‍तकें मेले में प्रदर्शित की गई हैं। प्रकाशन विभाग का स्‍टॉल प्रगति मैदान में हॉल नंबर-7 के सामने है। दिल्ली पुस्तक मेले में प्रकाशन विभाग की जारी की गई पुस्‍तकों में-कस्तूरी परिमल (हिंदी) : कस्तूरबा गांधी, मोहन से महात्मा गांधी बने एक युवक के परिवर्तन की यात्रा की प्रमुख गवाह थीं। कहानी के रूपमें वर्णित पुस्तक में कस्तूरबा के जीवन के प्रयत्‍नों और पीड़ा, गांधीजी के साथ उनकी बातचीत और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख महिला नेता के रूपमें उनके उदय को प्रस्‍तुत किया गया है। यह पुस्‍तक गांधीजी के रचनात्मक कार्यक्रमों के साथ-साथ विभिन्न आश्रमों में सामुदायिक जीवन में कस्तूरबा की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है।
पुस्तक के लेखक डॉ विश्वास पाटिल मराठी साहित्यजगत में एक जानामाना नाम हैं। वर्ष 1921 के असहयोग आंदोलन की झांकियां : पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरि की प्रस्तावना के साथ इसमें डॉ ताराचंद, प्रकाश, कमलादेवी चट्टोपाध्याय, काका कालेलकर, आरआर दिवाकर, हरिभाऊ उपाध्याय और डॉ हरेकृष्ण मेहता, जाने-माने बुद्धिजीवियों, स्वतंत्रता सेनानियों और पत्रकारों के आलेख हैं। गांधी कथा (हिंदी और उर्दू) : यह एक ग्राफिक उपन्यास है, जो महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित है। बच्चों को लक्षित पाठक मानकर, प्रकाशन विभाग विभिन्न भारतीय भाषाओं में पुस्तक का प्रकाशन सुनिश्चित करने का काम कर रहा है। सत्याग्रह में महिलाएं (गुजराती) : राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय की पूर्व अध्‍यक्ष प्रोफेसर अपर्णा बसु की पुस्‍तक प्रकाशन विभाग ने मूल रूपसे अंग्रेजी में प्रकाशित की है।प्रख्यात गांधीवादी प्रोफेसर वर्षा दास ने इस पुस्‍तक का गुजराती में अनुवाद किया है। इसमें अनेक प्रेरक सत्याग्रही महिलाओं की कहानियों का वर्णन है, जो दुनिया के सबसे बड़े साम्राज्य के खिलाफ कठिन संघर्ष के दौरान प्रमुखता से खड़ी हुईं, लेकिन कभी भी अहिंसा के रास्ते से भटकी नहीं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि इनमें से अनेक महिलाओं की सेवा भावना ने उन्हें स्वतंत्रता के बाद के युग में भारत के सामाजिक विकास के लिए काम करना जारी रखने के लिए प्रेरित किया।
महात्मा को श्रद्धांजलि : आकाशवाणी श्रद्धांजलि (तमिल)-यह पुस्तक मूल रूपसे अंग्रेजी में प्रकाशित की गई है और इसका गांधी अध्ययन केंद्र चेन्नई की मदद से पहलीबार तमिल में अनुवाद किया गया था, जिसमें 30 जनवरी 1948 को गांधीजी की मृत्यु के बाद आकाशवाणी पर महात्‍मा गांधी को दी गई श्रद्धांजलि को शामिल किया गया है। इसमें सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों के साथ-साथ लॉर्ड माउंटबेटन और अन्‍य गणमान्य व्‍यक्तियों की श्रद्धांजलि को शामिल किया गया है। प्रगति मैदान में 25वां पुस्तक मेला 11 से 15 सितंबर 2019 तक है। इसका आयोजन फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स और आईटीपीओ ने किया है। यह एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां प्रकाशकों, लेखकों, पुस्‍तक विक्रेताओं और पुस्तक प्रेमियों को बातचीत करने का मौका मिलता है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पुस्तक मेले की विषयवस्‍तु उन्‍हें समर्पित की गई है। इस अवसर पर राष्‍ट्रीय गांधी संग्रहालय के निदेशक ए अन्‍नामलाई भी मौजूद थे।

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