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अंतर्देशीय जलमार्ग से जुड़ा बंदरगाह विहीन भूटान

शिपिंग राज्यमंत्री ने भूटान का कार्गोशिप बांग्लादेश रवाना किया

भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट के जरिए ऐसी पहली माल ढुलाई

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 12 July 2019 05:48:21 PM

shipping minister sends bhutan's cargo ship to bangladesh

नई दिल्ली। भारत सरकार में स्वतंत्र प्रभार शिपिंग राज्यमंत्री मनसुख मांडविया ने अंतर्देशीय जलमार्गों को बढ़ावा देने संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को आगे बढ़ाते हुए आज राजधानी दिल्ली से वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए भूटान के माल से लदे एक जहाज को ब्रह्मपुत्र नदी और भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट के जरिए बांग्लादेश के लिए रवाना किया। यह अपनी तरह की पहली माल ढुलाई है, जिसके तहत दो देशों यथा बंदरगाह विहीन भूटान और बांग्लादेश को आपस में जोड़ने के लिए एक भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग का उपयोग किया जा रहा है।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के जहाज एमवी एएआई पर 1000 मीट्रिक टन कंकड़ी को लादकर उसकी ढुलाई भारत के एनडबल्यू 2 और भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट के जरिए असम के धुबरी बंदरगाह से बांग्लादेश के नारायणगंज तक की जाएगी। भूटान के फुएंटशोलिंग से इस कंकड़ी को ट्रकों के जरिए लाया गया था, जो असम आईडब्ल्यूएआई की धुबरी घाट से 160 किलोमीटर दूर है। भूटान स्थल मार्ग के जरिए बांग्लादेश में विभिन्न निर्माण परियोजनाओं के लिए व्यापक मात्रा में कंकड़ी का निर्यात करता आ रहा है। अंतर्देशीय जलमार्ग के जरिए ढुलाई दरअसल माल भेजने का एक वैकल्पिक साधन है, जो अपेक्षाकृत ज्यादा सस्ती और पर्यावरण अनुकूल है।
अंतर्देशीय जलमार्ग के जरिए सड़क मार्ग की तुलना में अपेक्षाकृत ज्यादा मात्रा में माल ढुलाई की जा सकती है, जिससे स्थल मार्गों पर भीड़-भाड़ कम करने में मदद मिलेगी। जहां एक ओर इस खेप की ढुलाई अंतर्देशीय जलमार्ग से होते हुए केवल एक नौका या जहाज के जरिए की जी रही है, वहां दूसरी ओर सड़क मार्ग से इतनी ही माल की ढुलाई करने के लिए 20-20 मीट्रिक टन की क्षमता वाले 50 ट्रकों की जरूरत पड़ती है। इस ढुलाई से भारत के अंतर्देशीय जलमार्गों के जरिए भूटान और बांग्लादेश के बीच कंकड़ी के साथ-साथ अन्य माल का भी निर्यात करने के मामले में भूटान के निर्यातकों का विश्वास बढ़ने की आशा है। भूटान के निर्यातकों और आयातकों से भी इस मार्ग को बार-बार इस्तेमाल किए जाने की उम्मीद है।

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