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मुख्यमंत्री की सड़क सुरक्षा के सम्बंध में बैठक

'प्रत्येक वाहन व चालक की मेडिकल और फिटनेस जांच हो'

सड़क यातायात नियमों के अनुपालन के कड़े निर्देश दिए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 12 July 2019 02:37:20 PM

chief minister meeting road safety

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यातायात के मानकों को अपनाकर ही सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है, इसलिए सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के बारे में नागरिकों को जागरुक किया जाना आवश्यक है। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने तथा इनमें होने वाली जनधन हानि को रोके जाने के निर्देश देते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा नियमों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सड़क सुरक्षा और मार्ग दुर्घटनाओं के नियंत्रण के सम्बंध में परिवहन विभाग को प्रत्येक माह सभी सम्बंधित विभागों के साथ समन्वय करते हुए समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बिना परमिट की गाड़ी सड़क पर नहीं चलनी चाहिए, इसकी फूलप्रूफ व्यवस्था की जाए, जो वाहन अनफिट हों उनको स्क्रैप कराया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक तीन माह में एक बार सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में सड़क निर्माण से जुड़ी सभी एजेंसियों-लोकनिर्माण विभाग, एनएचएआई तथा स्टेट हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी विभागों को सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना होगा, इसमें किसी भी प्रकार की कोताही को गम्भीरता से लिया जाएगा। यमुना एक्सप्रेस-वे पर होने वाली दुर्घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग यह सुनिश्चित करे कि प्रत्येक वाहन चालक की मेडिकल फिटनेस जांच के साथ-साथ वाहनों की भी फिटनेस की जांच कराई जाए, सरकारी वाहनों के चालकों की भी मेडिकल फिटनेस जांच कराई जाए, सड़कों के किनारे बने अवैध ढाबों को हटाया जाए, एक्सप्रेस-वे, नेशनल हाईवे तथा स्टेट हाईवे के प्रत्येक 15 किलोमीटर पर रम्बल स्ट्रिप्स स्थापित किए जाएं, स्पीड ब्रेकर्स मानकों के अनुसार निर्मित किए जाएं। उन्होंने कहा कि रात्रिकालीन सेवा में परिवहन निगम सुनिश्चित करे कि 400 किलोमीटर से अधिक की दूरी होने की दशा में दो वाहन चालक रखे जाएं। मुख्यमंत्री ने हेलमेट और सीट बेल्ट की व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बिना हेलमेट के दोपहिया वाहनों के चालकों को पेट्रोल की आपूर्ति न किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और विद्यालयों में सड़क सुरक्षा के सम्बंध में जागरुकता अभियान चलाया जाए, सभी प्रधानाचार्यों की मीटिंग बुलाकर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी सड़क सुरक्षा के बारे में अवगत कराएं, जिससे बच्चों और अभिभावकों को जानकारी मिले और उनमें जागरुकता आए, सड़क सुरक्षा से जुड़े बिंदुओं का पैम्फलेट तैयार कर विद्यालयों में वितरित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों के वाहनों की फिटनेस जांच अवश्य कराई जाए, साथ ही वाहन के चालकों का मेडिकल टेस्ट व पुलिस वेरिफिकेशन भी अनिवार्य रूपसे कराया जाए। उन्होंने ब्लैक स्पॉट्स का विशेष सेफ्टी ऑडिट करते हुए सुधारात्मक उपाय सुनिश्चित कराने और जिन मार्गों पर ब्लैक स्पॉट्स की संख्या अधिक है, उनपर एम्बुलेंस की व्यवस्था तथा मार्ग पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सीएचसी को सुदृढ़ तथा पैरामेडिकल स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किए जाने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी जिला चिकित्सालयों में आर्थोपैडिक सर्जन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए, साथ ही एमआरआई व सीटी स्कैन की व्यवस्था भी की जाए, आवश्यकतानुसार टेलीमेडिसिन का भी लाभ लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जनपद में ओवर स्पीडिंग की जांच हेतु स्पीड राडार एवं पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था, वाहनों की गति सीमा को निर्धारित करने, वाहन चालकों का ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट, नेशनल हाइवेज़, स्टेट हाइवेज़, एक्सप्रेस-वेज़ पर डायल-100, 108 एम्बुलेंस सेवा का प्रभावी संचालन तथा एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यमुना एक्सप्रेस-वे तथा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे एवं टोल प्लाजा पर जन सुविधाओं को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मार्ग दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण ड्राइवरों की लापरवाही, ओवर स्पीडिंग और ड्रंकेन ड्राइविंग है। उन्होंने एक्सप्रेस-वेज और राजमार्गों पर तेज गति से चलने वाले वाहनों के कारण इन पर सजग पेट्रोलिंग की आवश्यकता पर जोर दिया।
सड़क सुरक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ दिनेश शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना तथा परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडेय, डीजीपी ओपी सिंह, यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम के अध्यक्ष संजीव सरन, अपर मुख्य सचिव सूचना तथा यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, प्रमुख सचिव परिवहन आराधना शुक्ला, सचिव मुख्यमंत्री मृत्युंजय कुमार नारायण और सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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