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भारत को कुशल श्रमबल की जरूरत-महेंद्रनाथ

'सौंदर्य एवं वेलनेस व्‍यवसाय में रोज़गार के व्यापक अवसर'

वीएलसीसी सौंदर्य एवं पोषण संस्‍थान का दीक्षांत समारोह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 9 July 2019 05:10:18 PM

dr. mahendranath pandey

नई दिल्ली। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा है कि घरेलू अर्थव्‍यवस्‍था के तेज रफ्तार पकड़ने की बदौलत आने वाले महीनों में भारत को 70 लाख से भी ज्‍यादा कुशल श्रमबल की आवश्‍यकता होगी। उन्‍होंने कहा कि भारत की 62 प्रतिशत से भी अधिक आबादी युवा है और दुनिया की सर्वाधिक कुशल आबादी वाली अर्थव्‍यवस्‍थाओं में भारत को भी शुमार करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है। डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने नई दिल्‍ली में वीएलसीसी सौंदर्य एवं पोषण संस्‍थान के 18वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में कहा कि वीएलसीसी ने नियमित 6,000 कर्मचारियों के अलावा दो वर्ष में 2 लाख से भी अधिक युवाओं को रोज़गार दिया है। उन्होंने यह बात रेखांकित की कि भारत में सौंदर्य एवं वेलनेस व्‍यवसाय में 80,000 करोड़ रुपये की बाजार संभावनाएं हैं और यह लाखों लोगों को रोज़गार अवसर मुहैया करा सकता है, क्‍योंकि आधुनिक जमाने में प्रत्‍येक व्‍यक्ति की चाहत यही होती है कि उसका जीवन अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य और सौंदर्य से परिपूर्ण हो।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री ने इस ओर भी ध्‍यान दिलाया कि कौशल संबंधी आवश्‍यकता वाला यह पाठ्यक्रम महिला सशक्तिकरण का एक महत्‍वपूर्ण साधन है, क्‍योंकि प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थी ‘मुद्रा’ जैसे आसान ऋणों से लाभ उठाकर वेलनेस एवं सौंदर्य केंद्र स्‍थापित कर सकता या सकती हैं और इसके साथ ही वे इस तरह के लाभप्रद रोज़गार अवसरों के लिए अन्‍य लोगों को भी प्रेरित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में 15 जुलाई 2015 को शुरु किया गया राष्‍ट्रीय कौशल विकास मिशन सतत रूपसे प्रगति पर है। उन्‍होंने कहा कि कुशल भारत मिशन यानी स्‍कि‍ल इंडिया मिशन के जरिए सरकार के विभिन्‍न कार्यक्रमों के तहत वर्तमान में हर साल लगभग एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत एक युवा राष्‍ट्र है और एक कुशल श्रमबल न केवल देश के भीतर, बल्कि वैश्विक बाज़ार की भी मांग को पूरा करने में समर्थ साबित होगा।
डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा कि कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय देशभर में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2016-20 नाम से एक प्रमुख योजना कार्यांवित कर रहा है, जिसका उद्देश्‍य 12,000 करोड़ रुपये के परिव्‍यय के साथ चार वर्ष की अवधि के दौरान मध्‍य प्रदेश सहित देशभर में अल्‍पकालिक प्रशिक्षण, पूर्व शिक्षण को मान्‍यता और विशेष परियोजना के तहत एक करोड़ लोगों को आवश्‍यक कौशल सुलभ कराना है। उन्होंने बताया कि देशभर में योजना के तहत 12 जून 2019 तक लगभग 52.12 लाख अभ्‍यर्थियों को प्रशिक्षित किया गया है। मंत्रालय ने देशभर के सभी जिलों में प्रधानमंत्री कौशल केंद्र के नाम से आदर्श कौशल केंद्रों को स्‍थापित करने की पहल भी की है। अबतक देशभर में 837 प्रधानमंत्री कौशल केंद्र आवंटित किए गए हैं, जो 717 जिलों और 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों को कवर करते हैं। आवंटित प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों में से 610 केंद्रों की स्‍थापना पहले ही हो चुकी है।

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