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झारखंड तेजी से शहरीकरण की दिशा में अग्रसर

नगरपालिका क्षेत्र की प्रबंधन क्षमता बेहतर करने पर फोकस

बुनियादी सेवाओं के लिए विश्व बैंक से किया ऋण समझौता

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 25 June 2019 03:01:44 PM

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रांची /नई दिल्ली। भारत सरकार, झारखंड सरकार और विश्व बैंक ने झारखंड के लोगों को बुनियादी शहरी सेवाएं मुहैया कराने और राज्य के शहरी स्थानीय निकायों की प्रबंधन क्षमता बेहतर करने के लिए 147 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। झारखंड नगरपालिका विकास परियोजना के तहत बुनियादी शहरी सेवाएं मुहैया कराने के लिए नगरपालिका क्षेत्र की क्षमता बेहतर करने पर फोकस किया जाएगा। इसके तहत शहरी वित्त और गवर्नेंस के क्षेत्रों में सुधारों को लागू करने के लिए विभिन्न शहरी सेवाओं जैसे कि जलापूर्ति, सीवरेज, जल निकासी एवं शहर की सड़कों में निवेश किया जाएगा और झारखंड अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी के साथ-साथ शहरी स्थानीय निकायों की भी क्षमता मजबूत की जाएगी। यह तेजी से शहरीकरण की दिशा में अग्रसर इस राज्य की जरूरतों के अनुरूप है, जहां लगभग 31 मिलियन लोग शहरी क्षेत्रों में रहते हैं और झारखंड के 24 जिलों में से 9 जिलों में शहरी आबादी की वृद्धि दर भारत की 2.7 प्रतिशत की समग्र शहरीकरण गति से अधिक है।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव समीर कुमार खरे ने कहा है कि भारत सरकार यह बात बखूबी समझती है कि शहरीकरण एवं आर्थिक विकास आपस में जुड़े हुए हैं और इसने अमृत कार्यक्रम के जरिए नगरपालिका संबंधी सुधारों के लिए एक व्यापक खाका पेश किया है। उन्होंने कहा कि झारखंड नगरपालिका सुधार कार्यक्रम तेजी से शहरीकरण की दिशा में अग्रसर इस राज्य में शहरी सेवाओं को सुदृढ़ एवं बेहतर करने की दृष्टि से एक निर्णायक कदम साबित होगा और इससे आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी। भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव समीर कुमार खरे और विश्व बैंक की ओर से भारत में विश्व बैंक के कार्यवाहक कंट्री डायरेक्टर शंकरलाल ने ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। परियोजना समझौते पर झारखंड सरकार की ओर से शहरी विकास एवं आवास विभाग की राज्य शहरी विकास एजेंसी के निदेशक अमित कुमार, झारखंड अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी की ओर से उपपरियोजना निदेशक उत्कर्ष मिश्रा और विश्व बैंक के कार्यवाहक कंट्री डायरेक्टर शंकर लाल ने हस्ताक्षर किए।
विश्व बैंक के कार्यवाहक कंट्री डायरेक्टर शंकर लाल ने इस अवसर पर कहा कि झारखंड, शहरी स्थानीय निकायों को विकास तथा नगरपालिका सेवाएं प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान कर रहा है, हालांकि राज्य के लिए बड़े पैमाने पर सुधार तथा निवेश पूरे नहीं हो पाए हैं। उन्होंने कहा कि यह परियोजना शहरी स्थानीय निकायों की क्षमता को मजबूत करने में सहायता प्रदान करेगी, इसके तहत नगरपालिका सेवाओं में निवेश किया जाएगा। राज्य के सभी 43 यूएलबी के लिए अधिकांश घटक खुले हैं, जो इस योजना के सहमति फ्रैमवर्क के आधार पर सहभागी बन सकते हैं, इससे 3,50,000 शहरी निवासियों को को लाभ होगा, इनमें से 45 प्रतिशत महिलाएं होंगी। पाइप के माध्यम से जलापूर्ति, जल निकासी के लिए पम्पों मशीनों का इस्तेमाल, पर्यावरण अनुकूल सड़क निर्माण और ऊर्जा दक्षता के साथ सड़कों पर रोशनी की व्यवस्था से शहरी सेवाएं बेहतर होगी और यह पर्यावरण के भी अनुकूल होगा।
झारखंड में दो उपयोजनाएं-खूंटी जलापूर्ति उपयोजना तथा धनबाद सड़क उपयोजना का कार्य जल्द ही शुरु होगा। अन्य प्रमुख घटकों के तहत योजना से शहरी प्रशासन बेहतर होगा, क्योंकि शहरी स्थानीय निकायों को अपनी संगठन क्षमता में वृद्धि, वित्तीय प्रबंधन और नोडल एजेंसी जेयूआईडीसीओ के विकास के लिए सहायता दी जाएगी। वरिष्ठ शहरी विकास विशेषज्ञ और योजना के लिए टास्क टीम की लीडर वसुधा थावाकर ने कहा कि शहरी अवसंरचना और सेवाओं के क्षेत्र में झारखंड को बड़े निवेश की जरूरत है, ऐसे निवेशों के लिए चरणबद्ध दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह योजना मूलभूत सुविधाओं तक पहुंच और संस्थानों के क्षमता निर्माण के बीच के अंतर को समाप्त करने पर जोर देगी, ताकि सेवाओं को आसानी से उपलब्ध कराया जा सके और इनका बेहतर प्रबंधन किया जा सके।

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