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नौसेना के पहले एयर स्‍क्‍वाड्रन की हीरक जयंती

राष्ट्र की 60 वर्ष तक शानदार सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

नौसेना के समुद्री टोही पायलटों, पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 19 June 2019 03:25:11 PM

the trophy was given to the officer

कोच्चि। भारतीय नौसेना के पहले एयर स्क्वाड्रन 550 ने नौसेना के कोच्चि अड्डे पर अपनी हीरक जयंती मनाई। राष्ट्र के लिए 60 वर्ष की शानदार सेवा पूरा करते हुए भारतीय नौसेना के एयर स्क्वाड्रन 550 ने नौसेना के समुद्री टोही पायलटों और पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए एयर स्‍क्‍वाड्रन की ओर से कई तरह की गतिविधियां और सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी क्रम के 11 जून को अंगदान जागरुकता पर एक व्‍याख्‍यान आयोजित किया गया, जिसमें नौसेना के दक्षिणी कमान के अधिकारियों और सैनिकों के परिवारों ने हिस्सा लिया।
एयर स्‍क्‍वाड्रन के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्‍य में 17 जून 2019 को डाक विभाग के मध्‍य क्षेत्र के सहायक अधीक्षक और केरल के एरनाकुलम में प्रधान डाकघर के वरिष्‍ठ पोस्‍ट मास्‍टर की ओर से स्‍क्‍वाड्रन पर डाक टिकट का फर्स्‍ट डे कवर भी जारी किया गया। इसी दिन स्‍क्‍वाड्रन के सभी पूर्व और मौजूदा अधिकारियों को सम्‍मानित किया गया। इस अवसर पर नौसेना की दक्षिणी कमान के फ्लैग आफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल एके चावला मुख्‍य अतिथि के रूपमें मौजूद थे। लेफ्टिनेंट साइमन जॉर्ज पाइनमूटिल की स्मृति में एक ट्रॉफी अधिकारी के परिवार द्वारा डोर्नियर ऑपरेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग कोर्स के सबसे बहादुर अधिकारी को दी गई। यह ट्रॉफी उस अधिकारी की याद को अमर बनाने के लिए है, जो एक बेहतरीन और योग्य आइलैंडर पायलट थे और जिन्‍होंने 17 मई 1985 को स्क्वाड्रन की सेवा करते हुए एक घातक हवाई दुर्घटना में अपनी जान गंवा दी थी।
सागरिका में 18 जून को एयरबोर्न मैरिटाइम टोही की चुनौतियों के संबध में हुई तकनीकी प्रगति पर एक संगोष्ठी हुई थी, जिसमें वाइस एडमिरल एके चावला ने मुख्य भाषण दिया था। स्क्वाड्रन अबतक 14 विभिन्न प्रकार के विमान उड़ा चुका है, जिसमें सी लैंड एयरक्राफ्ट से लेकर मौजूदा समय के डोर्नियर समुद्री टोही विमान शामिल हैं। स्क्वाड्रन 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध से लेकर दिसंबर 2004 में आई सुनामी, 2017 में चक्रवात ओखी और 2018 में केरल में विनाशकारी बाढ़ के दौरान मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों में हिस्‍सा ले चुका है।

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